फैलती जा रही है बीमारी ये भी
हर कोई अपने को डॉक्टर समझता है
फैलती जा रही है बीमारी ये भी
हर कोई अपने को डॉक्टर समझता है
गिर के फिर फिसलने का रिवाज होना चाहिए
इश्क़ के हर मर्ज़ (बीमारी) का इलाज होना चाहिए
मैं तुम से रूठता हुँ तो तुम भी रूठने लगते हो
तुम्हारा अपना भी तो कोई अन्दाज़ होना चाहिए
मोहब्बत अलग बात है और दीन अलग
राज जो कहोगे मुझसे वो राज होना चाहिए
चिंगरियाँ कभी राख होतीं हैं कभी शोला
अंजाम-ए-बग़ावत कुछ भी हो आग़ाज़ (आरम्भ) होना चाहिए
Those lovely smoked eyes
they shine with love, trickle with despair
And agony and life
they strip conscience, they hold it
Those naked eyes, they bloom and squint
are more human
than the bony sockets they behold
Those lovely smoked eyes…
वो आग कबकि बुझ चुकी
धुएँ से जल रहा हुँ मैं
अब कुछ नए से फ़रेब ढूंढ़ता हुँ
दोस्त बदल रहा हुँ मैं
सर्द रातों की ये सुलगती सी भूख
सपने निगल रहा हुँ मैं
ये सब धुँधला सा क्यूँ नज़र आता है
क्या फिर संभल रहा हुँ मैं
मेरी कुछ आवारा नज़्में घूमतीं है दिनभर, धुत्त लड़खड़ाती
जैसे पुरानी दिल्ली का रिक्शेवाला कोई सवारी ढूँढता हो
कोई ग़ज़ल मिल जाए कहीं
किसी बुढ़िया के चश्मे से झाँकती
या किसी तंग गली में बच्चों संग सरपट दौड़ लगाती
या फिर किसी पुरानी ढोलक पर पैर पटकती
शायद किसी चाय के प्याले में ख़्वाब सुलगाती
ग़ज़ल भी तो नज़्म ही है, अवारगर्दी फ़ितरत है उसकी
जब कुछ नहीं कमाया तब लम्हे कमाए हैं
तन्हाई में फिर ख़ूब उड़ाए हैं
Let’s play life together
Let’s lock the clock in a mirror
Let’s walk like a hooligan
Let’s talk like a toddler
Let’s do some backflips
Let’s sleep through the day
Let’s keep the moon at bay
Let’s fry some dreams into a-la-carte
Let’s do this
Shall we?
बचपन की गुल्लके, जवानी के सपने सारे तोड़ कर भी
ये बड़े होने का क़र्ज़ नहीं उतरता
भरोसा बिखरने की आवाज़ भी नहीं होती
ग़ज़ब अन्दाज़ से गिरते हैं गिरने वाले
You’re the sunshine
that can pluck my rainbows