राह

हम जो बिछड़ते रहे अपनी राहों से

बहुत गुमनाम हो गए होंगे

चलने लगे, रुके, फिर चल दिए

ये पाँव के छालें बदनाम हो गए होंगे

सफ़र में जो भी मिला, रिश्ता निभा गया

हमारे सर पे कई इल्ज़ाम हो गए होंगे

वो जो फूल बहारों में भी गिरते रहे

मोहब्बत में शायद नाकाम हो गए होंगे

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