तुझको चलना होगा

रात को घेर लिया है बादलों ने
चाँद को मगर निकलना होगा
तुझको चलना होगा

संघर्ष जलाकर कुंदन कर देता है
इस मोम के आगे आग को पिघलना होगा
तुझको चलना होगा

दिन को धकेलकर सूरज आगे बढ़ता है
इस शाम के आगे मगर सूरज को ढलना होगा
तुझको चलना होगा

जीवन मंथन में सुर भी हैं असुर भी
अमृतपान के लिए पहले विष निगलना होगा
तुझको चलना होगा

पियूष कौशल

दुख

ख़ुशी अच्छी है पर….

मुझे दुख भी पसंद है

दुख मैं अपने को किसी से ऊँचा नहीं आंकता

मुझे दूसरों के दुख से ईर्ष्या भी नहीं होती

और जो है उससे बड़े दुख की आशा भी नहीं करता

दुख मुझे प्रयास करते रहने की प्रेरणा देता है

देखा जाए तो ये उतना दुःखद भी नहीं

ख़ुशी अच्छी है पर….

मुझे दुख भी पसंद है

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