शुक्रवार

एक और दिन की है बात भैया 

चलो सुर से छेड़ें साज़ भैया 

उँगलियाँ कीबोर्ड पे पटक पटक

मैनेजर भेजे काज भैया 

बातें दे घुमा घुमा, कर भ्रमण भ्रमण

तरक़्क़ी के हैं ये राज़ भैया 

रहीमन बैठे मीटिंग में 

निकले ना हमरी आवाज़ भैया 

शुक्रवार सुमधुर कोयल सा 

सोमवार पे बैठा है बाज़ भैया 

Published by

Piyush Kaushal

Naive and Untamed!

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