ये औरतें घूँघट वूँघट
हिजाब विज़ाब में रहे तो अच्छा है
ये लड़कियाँ ज़्यादा बोले ना
हिसाब विसाब में रहे तो अच्छा है
ये लक्ष्मीबाई, माँ टेरेसा
किताब विताब में रहे तो अच्छा है
मर्द को ईश्वर मानो, बस मानलो क्यूँकि…
ज़्यादा ना हों सवाल जवाब तो अच्छा है
शर्म है औरत का ही गहना
क़ायम रहे ये नक़ाब तो अच्छा है