उम्र का नशा

मुझे उम्र का नशा हुआ है
की कुछ याद नहीं रहता अब
बिन पिए कदम डगमगाते हैं
बच्चो से कुछ मांगना हो
तो ज़बान लड़खड़ाती है

मुझे उम्र का नशा हुआ है

इसी उम्र के नशे में कभी
मैं कुछ अपने भिगो आया था
नई ख्वाहिशों की होड़ में
पुराने हाथ छुड़ा कर भागा था

अब घर जाओ तो लोग
बड़ी लानत से तकते हैं

मुझे उम्र का नशा हुआ है

I sing an old song…

I walk by the streets
I sing an old song
there are some merchants
who hawk their stories
some old, some freshly baked

I fall for this one
the one with mountains and rivers
there’s freshly stoked tea somewhere
the lump of ginger, I feel it in my throat
There’s a tea stall on the other side
the one where people brew their dreams

An old man pours a story
the chai wallah flavors it
I sip a few words,
I try to gulp some down

My story seems incomplete
I add some more lies, sugar coated
they blend well, the stories
but some words fall down
unknowingly, or knowingly perhaps
in my cup of tea

I call for another one
some more storms steamed in
my half-empty cup
my half-filled stories
I crush, and swing them around

As I start again,
I walk by the streets
I sing an old song.

बस शिव ही शिव है

इस शब्द से उस अर्थ तक

जीवन के हर भावार्थ तक

बस शिव ही शिव है

मेरे अहम् के तथ्य तक

मेरी आत्मा के सत्य तक

बस शिव ही शिव है

उस सूर्य से इस आग तक

इस शरीर से उस राख तक

बस शिव ही शिव है

हर मंत्र से हर वेद तक

अज्ञान से सम्वेद तक

बस शिव ही शिव है

मेरी आस्था की नींव तक

मेरी कुण्डलिनी जीव तक

बस शिव ही शिव है

मैं व्यर्थ हर इक सांस तक

तेरे चरण हैं मेरा शीश है

बस शिव ही शिव है

 

कतरा क़तरा

कतरा क़तरा मेरे ठन्डे अश्क,
कतरा क़तरा तेरी बहकी चाहत

कतरा क़तरा मेरी उलझी आहें,
कतरा क़तरा तेरी सांस की आहट

कतरा क़तरा तेरे जिस्म की खुशबू,
क़तरा क़तरा मेरे रूह के हिस्से

कतरा क़तरा मेरे लहू की रंजिश,
क़तरा क़तरा तेरे प्यार के किस्से

कतरा क़तरा तेरी यादों का मंजर,
कतरा क़तरा मेरे कफ़न से रिश्ते

कतरा क़तरा मेरे पिघलते सपने,
क़तरा क़तरा इस मौत की किश्तें

 

अक्स

तेरी आँखों में दिखता है
मुझे अक्स अपना
किसी खामोश सागर सा
बैठा है किनारे पे

ये जो सुरमा लगा है
उस मैं कैद है काफ़िर इक
कभी आंसुओं से सूख जाता है
और कभी यादों में भीग जाता है

रातों में जो कभी देखूं
तो इक रौशनी दिखाई देती है
इन आँखों ने ही तो जैसे
सूरज को वो चमक उधार दी है

पलकों की खिड़की से
जब भी झांकता हूँ बाहिर
दिखती है मुझको अपनी
इक तस्वीर पुरानी, मैली सी

इस तस्वीर में ज़िंदा हूँ मैं
और ज़िंदा है इस अक्स की कहानी
कुछ उसकी ज़ुबानी
कुछ मेरी ज़ुबानी

Solace

When the vast sky says hello to the enormous ocean
It’s just the breeze I hear among the roars

A half-dressed sun hides beneath the clouds
I try to dress it with a half-naked orange moon

This evening seems to have lost its sheen
And the night seduces the stars into illusion

orange
Image Credits: crazycameragal.wordpress.com

The sun-baked hopes seem to wither
I wash their face with a new song

I look up, and then down as the silence caresses me
I hear a good-bye, my shadow moves away

It’s just me and the night, as we sleep hand in hand
a cushion of the half-naked orange moon, and a blanket of dreams

It’s Just!

It’s just I wanted to think,
Just like, I never write
It’s just that sky is so dull,
Or else the sun is too bright

It’s just I wanted to scream,
I want to start a new fight
It’s just I’m always wrong,
You think you’re always right

Image Credits: Sumner Crenshaw
Image Credits: Sumner Crenshaw

 It’s just that day never ends,
Maybe he’s late for the night
It’s just that love is so blind,
It’s never out of the sight

It’s just that white is so black,
It makes the black so white,
It’s just my thoughts are so loose,
Like broken strings of a kite

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