इस शब्द से उस अर्थ तक
जीवन के हर भावार्थ तक
बस शिव ही शिव है
मेरे अहम् के तथ्य तक
मेरी आत्मा के सत्य तक
बस शिव ही शिव है
उस सूर्य से इस आग तक
इस शरीर से उस राख तक
बस शिव ही शिव है
हर मंत्र से हर वेद तक
अज्ञान से सम्वेद तक
बस शिव ही शिव है
मेरी आस्था की नींव तक
मेरी कुण्डलिनी जीव तक
बस शिव ही शिव है
मैं व्यर्थ हर इक सांस तक
तेरे चरण हैं मेरा शीश है
बस शिव ही शिव है
Har har mahadev…Nice piece.
Thanks Rinky 🙂