गाना

First try at song lyrics…. kripya bhawnaon pe dhyan dijiye 😛

Enjoy!!

गूंजती लहर में
ये जो सांस की कशिश है

रेशमी सुबह की
ये जो नरम सी तपिश है

दूरियों का पर्दा
मेरी नब्ज़ अब भी काम है

होश है ये रुखसत
है ये प्यार या भरम है

मोम सा पिघलता
कहीं रेत सा फिसलता

ईमान बेईमान मेरा
चोर से क्या कम है

सुन बारिशें हैं नीली
मेरा दिल भी बेशरम है

प्यास बरसे ज़्यादा
ये पानी अब भी कम है

तू पास मेरे आई
कभी दूरियां बढ़ाएं

ओ यार तेरा प्यार
किसी क़त्ल से क्या कम है

Published by

Piyush Kaushal

Naive and Untamed!

13 thoughts on “गाना”

  1. Wow! This doesn’t look like it’s your first attempt. Beautiful play with words as always and powerfully emotive, especially loved the punch created with the last two lines. Simply – Magic! 🙂

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