अमा छोड़ो यार…

यूं ही बेसबब बेफिक्र बेहिसाब जिया करो
जहां जिन्दगी का नशा हो जरा झूम के पिया करो

लोग तो परेशान यूं ही रहेंगे हर बात से
इसका अच्छा तो उसका बुरा है, जो मन में आए किया करो

चौखट पे धूप रहने दो, होंठों पे हल्की सी मुस्कान
जहां अंधेरे दिखें, उजाले उड़ा दिया करो

लोगों को आपस में ही करने दो सारी बातें
अमा छोड़ो यार तुम आसमान से बातें किया करो

Published by

Piyush Kaushal

Naive and Untamed!

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